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भारत के राष्ट्रीय ध्वज (Indian National Flag) के बीचों-बीच बने अशोक चक्र का अपना एक महत्व है. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियां हैं. इसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी और ये तीनों समानुपात में हैं. इसके बीचों-बीच गहरे नीले रंग का एक चक्र है. यह चक्र अशोक की राजधानी के सारनाथ के शेर के स्तंभ पर बना हुआ है. इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां है. सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर एक चक्र (पहिया की आकृति) बना हुआ हैं जिसे अशोक चक्र (Ashok Chakra) भी कहा जाता हैं. चक्र नीले रंग का होता है. इसके रंग के बारे में कहा गया है कि, नीला रंग आकाश, महासागर और सार्वभौमिक सत्य को दर्शाता हैं. इसलिए राष्ट्रीय ध्वज की सफेद पट्टी के केंद्र में नीले रंग का अशोक चक्र होता हैं. 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को प्रदर्शित करती है मनुष्य के लिए बनाये गए 24 धर्म मार्ग की तुलना अशोक चक्र की 24 तीलियों से की गई हैं. आइए जानते हैं इन 24 तीलियों का क्या महत्त्व है. अशोक चक्र के 24 तीलियों की महत्व, आईजीटी ऑनलाइन कैसीनो. पहली तीली- संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है) दूसरी तीली- आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है) तीसरी तीली- शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह) चौथी तीली- त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास) पांचवीं तीली- शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा) छठवीं तीली- सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा) सातवीं तीली- क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना) आठवीं तीली- प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना) नौवीं तीली- मैत्री (समाज में मैत्री की भावना) दसवीं तीली- बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना) ग्यारहवीं तीली- संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना) बारहवीं तीली- कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना) तेरहवीं तीली- समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना) चौदहवीं तीली- उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना) पंद्रहवीं तीली- सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना) सौलहवीं तीली- नियम (निज